शिमला — एचपीयू में खूनी संर्घष के बाद पुलिस ने बिना पहचान पत्र छात्रों को कैंपस में घुसने नहीं दिया। कैंपस आने वाले चारों रास्तों पर पुलिस के जवान तैनात थे। ात्रों का आईकार्ड चैक करने के अलावा उनके बैग की तलाशी भी ली जा रही थी। यही नहीं, जो छात्र अपनी गाडि़यों में कैंपस आ रहे थे, उनकी गाडि़यों के भी चैक किया गया। प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों से विवि से संबधित कार्य करवाने आए छात्रों को पुलिस ने कैंपस में घुसने नहीं दिया। इसको लेकर पुलिस व छात्रों के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई। छात्रों का आरोप था कि वह प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से किराया खर्च कर विवि से संबधित कार्यों के लिए विश्वविद्यालय आए हैं। कई छात्र फार्म खरीदे आए थे तो कई जमा करवाने। कुछ अन्य कार्यों से विवि पहुंचे थे। यहां पहुंचने के लिए उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने उनसे पहचान के तौर पर पहचान पत्र वोटर आईडी कार्ड इत्यादी मांगा। छात्रों का कहना था कि उन्हें इस की जानकारी ही नहीं थी नहीं तो वह घर से आईकार्ड लेकर आ जाते। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस लड़ाई-झगड़े को तो रोक नहीं सकती छात्र जिनका इस से कोई लेना-देना नहीं है, उन पर अपना रौब दिखा रही है। छात्र पुलिस की इस कारवाई से खासे परेशान दिखे। शैक्षणिक संस्थान में पुलिस की इस तरह की कारवाई शोभा नहीं देती। एचपीयू कैंपस में मंगलवार को दिनभर माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण था। बीते रोज हुई बैठक में लिए गए फैंसले के बाद विवि प्रशासन ने शाम पांच बजे विवि की लाइब्रेरी व रीडिंग रूम को बंद कर दिया। यहां पर भी छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। छात्र देर रात तक लाईब्ररी में पढ़ाई करते हैं। पांच बजे ही रीडिंग रूम बंद होने से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
source: DivyaHimachal
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