घुरेही नृत्य पर झूमा चंबा


चंबा — बलिदान की विरासत का प्रतीक तीन दिवसीय ऐतिहासिक सूही माता मेला शनिवार को माता के चिन्ह की पिंक पैलेस में वापसी के साथ ही संपन्न हो गया। चंबा जनपद ने नम आंखों से रानी सुनयना के बलिदान को याद कर अगले वर्ष मिलने का वादा कर रुखसत किया। शनिवार देर शाम माता के सूही मढ सहित मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा के जरिए वापस लाया गया। मेले की शोभयात्रा में वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। उधर, मेले के अंतिम दिन सूही सेवा समिति द्वारा चौतड़ा मोहल्ला में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। शनिवार को गद्दी समुदाय की महिलाओं ने घुरेही नृत्य और लोक गायकों ने पारंपरिक बसोआ गायन करके खूब समां बांधा। मेले के अंतिम दिन सूही मढ स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे। पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु लाइनों में खडे़ होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। मंदिर में माथा टेककर श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख-समृद्धि मांगी। श्रद्धालुआें की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौजूद महिला पुलिस जवानों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गौर रहे कि चंबा जनपद में सूही माता मेला का खासा महत्त्व है। शनिवार को दोपहर बाद सूही मढ पर महिलाओं ने घुरेही नृत्य डालकर खूब समां बांधा और गीतों के माध्यम से रानी सुनयना के बलिदान की गाथा भी सुनाई। लोक गायकों ने सुकरात गीत गाकर रानी को विदा किया। अंतिम रोज मेले को लेकर राजनौण पर सजी दुकानों पर भी लोगों की खूब भीड़ उमड़ी। लोगों की उमड़ी भीड़ को देखकर कारोबारियों के चेहरे भी खिले रहे। सूही मेले के समापन मौके पर सदर विधायक बालकृष्ण चौहान, नगर परिषद अध्यक्ष अनिता ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव पवन नैयर, नगर परिषद उपाध्यक्ष जितेंद्र सूर्या समेत तमाम पार्षदों के अलावा शहर के गणमान्य लोगों ने उपस्थिति दर्ज करवाई।







source: DivyaHimachal

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