चामुंडा — नवरात्र से ठीक पहले श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात कर उनको बीमार करने का पूरा बंदोबस्त कर दिया है। श्री नंदिकेश्वर धाम में बने तालाब में प्रशासन ने खड्ड से पानी डालने के बजाय साथ बहती कूहल का रुख इस ओर मोड़ दिया। नतीजा यह की गंदगी से लबालब भरी कूहल का पानी सीधे तालाब में डाल दिया गया। श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में सौंदर्यीकरण के कार्य के चलते इस तालाब की कूहल का निर्माण भी पुनः किया गया है, जिसे सीधे खड्ड से जोड़ा जाना है, लेकिन वर्तमान समय में नदी के पानी को कूहल में डाला ही नहीं जा रहा है। मंगलवार को तालाब में पानी डालने के लिए मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने मंदिर के पास बहती कूहल की गंदा पानी इस तालाब में डाल दिया। इस कूहल में मंदिर के दुकानदारों द्वारा फेंकी जानी वाली सारी गंदगी पानी में बहकर तालाब के मुहाने पर इकट्ठी हो गई। यही नहीं, तालाब में पानी आने के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बच्चों ने उसमें खेलना भी शुरू कर दिया और इसी गंदे पानी से मुंह और हाथ धोए, जो सीधे तौर पर बीमारियों को न्यौता दे रहा था। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि गंदी कूहल का पानी तालाब की ओर मोड़ने के बाद मंदिर प्रशासन ने भी श्रद्धालुआें को इस पानी में न जाने के बाबत कोई सूचना नहीं दी। इस कारण श्रद्धालु सीधे पानी का इस्तेमाल करने लगे। नवरात्र से ठीक पहले मंदिर प्रशासन द्वारा बरती गई यह बड़ी लापरवाही डायरिया जैसी बीमारियों को सीधा आमंत्रण हैं। उल्लेखनीय है कि खड्ड से तालाब में पानी पहुंचाने के लिए हालांकि वहां तक नाली बनाई गई है, लेकिन पानी डालने की पाइपें अब भी जस की तस पड़ी हुई हैं। वहीं इस बारे एसडीएम धर्मशाला हरीश गज्जु ने बताया कि वह स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे तथा ऐसी लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
source: DivyaHimachal
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