नगरोटा बगवां ने जाना बेटी का मोल


नगरोटा बगवां — मानव जाति तथा सृष्टि के संतुलन में बेटियों के महत्त्व को स्वीकार करने तथा ‘बेटी है अनमोल’ वाक्य को व्यावहारिकता प्रदान करने में नगरोटा चिकित्सा खंड ने जिला भर में बाजी मार ली है। जिला मुख्यालय में आयोजित ‘आयरन फोलिक सप्लीमेंटेशन’ कार्यक्रम के तहत लिंग अनुपात में पूरे जिला में अव्वल रहने पर उन्हें सर्वश्रेष्ठ का खिताब उपायुक्त सी पालरासू द्वारा दिया गया। शून्य से छह वर्ष के बच्चों की गणना में नगरोटा ब्लॉक ने प्रति हजार लड़कों के अनुपात में लड़कियों के आंकड़े को 988 तक पहंुचा दिया है, जिसमें गत वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी हुई है। नगरोटा बगवां के खंड चिकित्साधिकारी डा. विनोद चौधरी तथा स्वास्थ्य शिक्षिका उर्मिल कपूर विभाग द्वारा चलाए गए जागरूकता कार्यक्रमों तथा पीएनडीटी अधिनियम 1994 के सख्ती से लागू होने को इस सफलता का बड़ा कारण मानते हैं। उन्होंने बताया कि बेटियों का महत्त्व बताने के लिए चिकित्सा खंड में कई कार्यशालाएं तथा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन परिवारों में एक ही बेटी है, उन परिवारों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना तथा कन्याओं से युक्त परिवार को समाज के लिए पे्ररणा स्रोत बताना विभाग की विशेष प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इंदिरा बालिका सुरक्षा योजना को खंड में प्रभावशाली तरीके से प्रसारित किया गया है तथा गत वर्ष छह से अधिक परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाकर लिंग संतुलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। योजना के मुताबिक एक बेटी के बाद नसबंदी करवाने वाले परिवार को 25 हजार तथा दो बेटियों के जन्म के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवारों की बेटियों को 10-10 हजार की राशि विभाग की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है।







source: DivyaHimachal

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