तावीज से होती थी वंश की पहचान


एमएम डैनियल, चंबा


पांगी में वंश की पहचान आभूषण से होती रही है। भले ही यह सुनने में अटपटा लगे लेकिन सच्चाई यही है। कई सदियां गुजरने के बाद पांगी में आज भी यही परंपरा है। हालांकि आज के दौर में यह परंपरा बाकी संस्कृतियों के पहनावे की तरह बदलने लगी है और सिर्फ विवाह-शादी या उत्सव के मौके पर ही पांगीवासी अपने पहनावे और आभूषण के साथ निकलते हैं।


पांगी घाटी में विशेष पहनावे के साथ गले में तावीज डालने का रिवाज है और इस तावीज पर पूर्वजों की फोटो लगी रहती है। माना जाता है कि इस परंपरा से



source: Jagran

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