मंडी — दो दिन मौसम साफ रहने के बाद जिला में बारिश व ओलावृष्टि ने एक बार फिर से कहर बरपा दिया है। जिला के ऊपरी क्षेत्रों सहित निचले क्षेत्रों में बुधवार को बारिश संग जमकर ओलावृष्टि हुई। इससे सेब, मटर सहित सब्जियों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। बुधवार दोपहर बाद करीब तीन बजे मौसम एकाएक खराब हो गया और समूचे आसमान में काले बादल छा गए। काले घने बादलों के छा जाते ही घोर गर्जना शुरू हो गई और ओलावृष्टि हुई। सेब और मटर की फसल के फ्लावरिंग सीजन में बारिश व ओलावृष्टि होने से पौधों पर लगे फू ल छिटक कर जमीं पर गिर गए हैं। जिला के मौवीसेरी, चैलचौक क्षेत्र, कमरूघाटी, सराजघाटी के केयोलीधार, रैनधार, बाड़ा, परवाड़ा, खनैरी, शिकावरी, जरोल, भाटकीधार, शिवबदार, कटौला, सुकीबाई सहित विभिन्न इलाकों में बारिश संग ओलावृष्टि हुई। दो दिन मौसम साफ रहने के उपरांत बुधवार को बारिश व ओलावृष्टि ने खूब कहर बरपाया। सराज के ग्रामीण भीष्म ठाकुर, महेश कुमार, हरि राम, नारायण सिंह, इंद्र सिंह, भोप सिंह नागेंद्र पाल, यादव, रूप सिंह, राम सिंह, किशोरी लाल, रूप सिंह, खूबराम सहित अन्य बागबानों व किसानों का कहना है कि हर दो दिन बाद मौसम के कड़े रुख उनकी आशाओं पर पानी फेर रहा है। आधे से ज्यादा फसल ओलावृष्टि के कहर से तबाह हो गई है। क्षेत्र के किसानों व बागवानों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करवा उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाए । इसी की चिंता उन्हें खूब सता रही है। उधर, जिला कृषि अधिकारी राजेंद्र कुमार ने कहा कि जिला में ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आकलन को कर्मचारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं, जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी।
source: DivyaHimachal
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