बजट समझने के लिए सियासी चश्मा उतारे विपक्ष


शिमला — बजट हिमाचल की तरक्की सुनिश्चित करेगा। यह हर वर्ग का हित सुनिश्चित करेगा। बजट चर्चा के जवाब पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष ने इस बजट को गंभीरता से नहीं पढ़ा है। उन्होंने कहा कि बजट में किए गए प्रावधानों से मजदूर, किसान, बागबान, कर्मचारी और छात्रों सहित अन्य सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। विधानसभा में करीब 16 घंटे तक चली बजट चर्चा में 51 सदस्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न सवालों व शंकाओं का एक-एक कर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री आदर्श कृषि ग्राम योजना, कृषि विविधिकरण योजना और आवारा पशुओं व बंदरों की समस्याओं से निपटने के लिए नई योजनाएं शुरू की गई हैं। पोलीहाउस के लिए दिए जाने वाले सरकारी अनुदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 और 85 प्रतिशत किया गया है। बजट में बेरोजगारों के लिए प्रतिमाह 1000 रुपए का कौशल विकास भत्ता देने का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 25 से 35 साल की आयु के बीच और जमा दो या इससे अधिक योग्यता प्राप्त दो लाख 20 हजार से अधिक बेरोजगार लाभान्वित होंगे। सरकार ने किसानों को आवारा पशुओं, बंदरों की समस्या से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए भी प्रभावी उपाय करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राइमेट पार्क की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। उन्होंने विपक्ष द्वारा आवारा पशुओं से मुक्त पंचायतों के लिए पांच लाख रुपए के इनाम की घोषणा की योजना पर आपत्ति जताए जाने को निराधार बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने के अंदर प्रदेश की सड़कों की हालत सुधर जाएगी। इसके लिए विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। यही नहीं, मुख्यमंत्री का जवाब गुरुवार को कालेज पीटीए के लिए भी राहत बनकर बरसा है। पिछले बजट से उम्मीद की राह देख रहे इस वर्ग के लिए भी उन्होंने ग्रांट देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार करूणामूलक आधार पर एक हजार से अधिक लंबित मामलों को शीघ्र निपटाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सामाजिक क्षेत्र की बात कर रहा है। पेश किए गए बजट में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 138 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। वित्त वर्ष 2012-13 में यह 1233 करोड़ था, जबकि 2013-14 के लिए 1371 करोड़ रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में रेलवे को इसलिए नहीं शामिल किया गया, क्योंकि यह राज्य के आय व्यय पर आधारित दस्तावेज है, जबकि रेलवे केंद्रीय मंत्रालय के अधीन आता है। बजट में राज्य में आद्यौगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं और राज्य में तीन नए आद्यौगिक क्षेत्र स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार ने बजट में विभिन्न विभागों में चार हजार पदों को भरने की व्यवस्था की है।







source: DivyaHimachal

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