जागरण ब्यूरो, शिमला : वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि प्रदेश में वनों में घास, झाड़ी व वृक्ष प्रजातियों की त्रिस्तरीय पौधरोपण पद्धति अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई हिस्से लैंटाना (फुलणू) की समस्या से ग्रसित हैं। गरना, कैमल, मैंदडू, ककोहा तथा बसूटी जैसी स्थानीय प्रजातिया समाप्त हो रही हैं। इस कारण चरागाहों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और भू-उपयोग में बदलाव आया है। वे बुधवार को हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा 'हिमाचल प्रदेश फारेस्ट सेक्टर क्लाइमेट चेंज अडेप्टेशन प्रोजेक्ट'
source: Jagran
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त्रिस्तरीय पौधरोपण पद्धति अपनाने की जरूरत : भरमौरी
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