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आज दिनांक 30 जनवरी 2025 को "कुष्ठ निवारण दिवस" मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश प्रताप के दिशा निर्देशानुसार पीएम थी केंद्रीय विद्यालय जाखू हिल्स शिमला में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला शिमला डॉक्टर राकेश प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग निवारण दिवस वैश्विक स्तर पर कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने, रोगियों को इलाज के लिए प्रेरित करने और कुष्ठ रोग को लेकर फैली सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के उद्देश्य से हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 30 जनवरी 2025 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर यह दिवस unite, act and eliminate विषय पर आधारित, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर कुलदीप बंसल की उपस्थिति में मनाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला ने जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टेरियम lepre जीवाणु के कारण होने वाली बीमारी है। इसका पाप, ईश्वर के दंड या धर्म से कोई संबंध नहीं है। कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रमण है, जो मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा पर घाव, हाथों और पैरों में सुन्नता जैसे लक्षणों का कारण बनता है। कुष्ठ रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं इसलिए संक्रमण के लक्षण दिखने में कई वर्ष लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का इलाज पूरी तरह संभव है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इस बीमारी की दवा निशुल्क उपलब्ध है। इस अवसर पर पर कुष्ठ रोग के प्रति भेदभाव समाप्त करने के लिए विद्यालय में सभी उपस्थित 305 विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को इस मौके पर शपथ दिलाई गई तथा यह शपथ जिला उपायुक्त कार्यालय में भी उपस्थित अधिकारी और कर्मचारियों को दिलाई गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह का जागरूकता अभियान जिले के सभी खंड स्तर पर मनाया जा रहा है तथा जनसाधारण से आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि लक्षणों के प्रति जागरूक रहे ताकि समय रहते इसका निदान व उपचार हो सके ताकि विकलांगता से बचा जा सके उन्होंने कहा कि हमे कुष्ठ रोगियों के प्रति दया और स्नेह का भाव रखते हुए कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सफल प्रयास किया जाना चाहिए।
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