Press Note from Directorate of Forensics Services, Himachal Pradesh, Shimla


निदेशालय फोरेंसिक सेवाएं, जुन्गा, हिमाचल प्रदेश में अपराध अन्वेशषण को सुदृढ़ करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
निदेशालय फोरेंसिक सेवाएं, जुन्गा, हिमाचल प्रदेश में अपराध अन्वेशषण को सुदृढ़ करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा फोरेंसिक साइंस डेवलपमेंट बोर्ड की 9वीं बैठक में जिला स्तर पर क्राईम सीन यूनिट्स को मजबूती प्रदान करने के लिए 6 जिलों में नऐ क्राईम सीन यूनिट्स को खोलने की मंजूरी प्रदान की थी।  इसी कड़ी में दिनांक 18 एवं 19.09.2024 को फोरेंसिक सेवा निदेशालय हिमाचल प्रदेश, जुन्गा में दो दिवसीय "सीन आॅफ इनवेस्टीगेशन और क्वालिटी रिपोर्टस" से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य विज्ञान प्रयोगशाला जुन्गा, क्षेत्रिय न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला उत्तरी खण्ड धर्मशाला, मध्य खण्ड मण्डी और जिला फोरेंसिक इकाईयां बिलासपुर, नूरपूर एवं बद्दी के सभी राजपत्रित अधिकारियों ने भाग लिया। यह कार्यशाला नई लागू कानूनी व्यवस्थाओं और उन अपराधों पर केंद्रित थी, जिसमें 7 साल या 7 साल से अधिक की सजा है और जिनमें फोरेंसिक विशेषज्ञों का अपराध स्थल पर निरीक्षण को अनिवार्य बना दिया गया ह,ै एवं हर अपराध जो खासकर महिलाओं और बच्चों के साथ जुड़ा है वहां साक्ष्यों को इकट्ठा करना जरूरी हो जाता है।
डॉ. मीनाक्षी महाजन ने कार्यशाला में बताया कि अपराध स्थलों के निरीक्षण के दौरान यदि घटना स्थल पर वैज्ञानिक साक्ष्यों को सही ढंग से एकत्र किया जाए, तो अपराधियों को पहचानना और उन्हें सजा दिलाना सरल हो जाता है। बैठक के दौरान, डॉ. मीनाक्षी महाजन की अध्यक्षता में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जैसे कि फॉरेन्सिक साक्ष्य का संरक्षित करने के तरीकों, जांच की प्रभावी रणनीतियों, और फॉरेन्सिक प्रक्रिया के दौरान टाइमलाइन का प्रबंधन। सभी अधिकारियों को कार्य समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए गए, ताकि अपराधों की जांच प्रक्रिया तेज और सटीक हो सके।



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