111 करोड़ रुपये की लागत से नई मंडियों का निर्माण

शिमला 28 दिसम्बर,
 प्रदेश में 111 करोड़ रुपये की लागत से नई मंडियों का निर्माण व मुरम्मत आदि का कार्य करवाया जाएगा। यह जानकारी आज हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने होटल हाॅलीडे होम शिमला में निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि भारतवर्ष में सोलन मण्डी सबसे अधिक व्यवसाय करने वाली मण्डी बनी है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि 95 करोड़ का बिजिनेस ई-नेम पोर्टल के माध्यम से किया गया है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यापारी भारत के किसी भी क्षेत्र में है वह यूनिफाईड लाईसेंस के माध्यम से बोली देकर किसान का माल खरीद सकता है। ई-नेम बिजिनेस पोर्टल के माध्यम से किसान व्यापारी से सीधा सम्पर्क कर सकता है, जिसके लिए उसे बिचैलियों के पास जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के संबंध में किसानों को भी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि सब्जी मण्डी ढली के विस्तार के लिए मण्डी समिति, शिमला एवं किन्नौर के विस्तारीकरण के लिए प्रारम्भिक प्राकलन तैयार किया गया है, जिस पर 15.7 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि फल एवं सब्जी उप-मण्डी शिलारू के निर्माण हेतु 750 करोड़ रुपये का प्रारम्भिक प्राकलन तैयार कर लिया गया है जिसका निर्माण भी आरम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उप-मण्डी खड़ा पत्थर में मण्डी तैयार हो गई है और सिर्फ चार दिवारी का कार्य शेष रह गया है। इसके लिए भी 25.72 लाख रुपये का प्राकलन तैयार किया गया है ताकि आवार पशुओं अंदर न आ सके।
उन्होंने बताया कि यह खर्च मण्डी समिति, शिमला और किन्नौर द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एक उप-समिति का गठन किया गया है, जिसमें फल एवं सब्जी मण्डी मेहन्दली (रोहडू) का दौरा भी किया ताकि उक्त उप-समिति की सिफारिश आने के उपरांत ही निलामी मंच का कार्य आरम्भ किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसान भवन ढली में बिजली का कार्य करवाने के लिए प्रशासनिक अनुमोदन एवं व्यय राशि 41 लाख 70 हजार 200 रुपये की स्वीकृति प्राप्त हो गई।  
उन्होंने बताया कि फल एवं सब्जी उप-मण्डी थरमाटी के निर्माण के लिए 6.31 करोड़ रुपये का प्रारम्भिक प्राकलन तैयार किया गया है। इसकी प्रशासनिक व व्यय स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि यह व्यय संबंधित मण्डी समिति द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सब्जी मण्डी निर्माण से पूर्व चार दिवारी, कांटेदार तारे तथा रास्ते को ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब तक स्थाई दुकानों का निर्माण नहीं होता तब तक 18 अस्थाई दुकानों का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पावंटा साहिब में (2000एमटी) गोदामों के निर्माण हेतु 2 करोड़ 21 लाख रुपये की प्रशासनिक व व्यय स्वीकृति प्राप्त हो गई है। उन्होंने उप-मण्डी सराहां के आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण बारे भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उप-सब्जी मण्डी रामपुर (ऊना) में 40 बीघा जमीन ऊना के संतोषगढ़ में है। इस कार्य के लिए 6 करोड़ 55 लाख रुपये की प्रशासनिक व्यय स्वीकृति प्राप्त हो गई है।  
उन्होंने बताया कि उप-मण्डी टकारला में चार दिवारी, आठ शेडों का निर्माण 57 लाख 84 हजार रुपये की लागत से किया जाएगा। यह व्यय मण्डी समिति ऊना द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव जाछ ग्राम पंचायत झुगी (नाचन) चुनाव क्षेत्र में उप सब्जी मण्डी की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह भूमि चमन लाल द्वारा गिफ्ट डीड के रूप में दी गई है, जिसका इंतकाल मण्डी समिति मण्डी के नाम कुछ ही दिनों में हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भूमि देने वाले मालिक को सब्जी मण्डी बनने पर एक दुकान व एक कैंटीन सरकारी दर पर आंबटित की जाएगी। इस मण्डी के निर्माण पर लगभग 1 करोड़ 13 लाख 9 हजार रुपये की लागत आएगी।
उन्होंने बताया कि उपमण्डी च्यौरी-बिहाल जिला कुल्लू के विस्तारीकरण व अन्य सुविधाओं की भी आवश्यकता है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पतलीकूहल जिला कुल्लू में चार दिवारी तथा यार्ड में मेटलिंग का कार्य करवाने हेतु 78 लाख 68 हजार रुपये का प्रावधान रखा गया है, जिसकी प्रशासनिक व व्यय स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर व जिलों से आए प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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