हिमाचल के उद्योग में बनी गैस्ट्रिक की दवाई घटिया

शिमला  – हिमाचल में स्थापित उद्योग में बनी गैस्ट्रिक की दवा का सैंपल फेल हो गया है। कुल्लू के अस्पतालों में पत्ते में ही पिघल रही दवा का सैंपल जांच के लिए कंडाघाट लैब भेजा गया था, जो सबस्टैंर्ड पाया गया है। गौर हो कि मेडिसिन स्ट्रिप में दवा पिघलने की शिकायत सामने आई थी, जिसका सैंपल कंडाघाट लैब भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि यह भी घटिया दवा थी, जो मरीजों को खिलाई जा रही थी। वहीं, मंडी में पकड़ी गई दवा की रिपोर्ट में भी संबंधित दोनों दवाएं फेल होने की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी गई है। इसमें अब कुल मिलाकर गैस्ट्रिक, बीपी और एलर्जी तीनों दवाआें के सैंपल फेल हो गए हैं। इसमें दवाआें को घटिया की श्रेणी में लिया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं बताई गई है। हैरानी की बात तो यह है कि जो तीन दवाएं फेल हुई हैं, वे प्रदेश में ही बनी है। संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अब फेल हुई दवाआें पर रोक लगा दी है और कंपनी को वापस दवाएं लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं। ये कंपनियां सोलन और सिरमौर की हैं। प्रदेश सरकार ने फेल दवाआें की फार्मा कंपनियों की रिपोर्ट भी तलब की है, जिस पर जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जाने वाली है। गौर हो कि दिव्य हिमाचल द्वारा उठाए गए मामले के बाद स्वास्थ्य प्रशासन ने यह कदम उठाया था। प्रदेश में दवाआें के सैंपल फेल होने के मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गंभीरता जाहिर कर चुके हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग से फेल हो रहे दवाआें की रिपोर्ट तलब करके दवाएं कंपनियों को लौटाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

सरकारी सप्लाई की ही हैं दवाइयां

जिन दवाआें के  सैंपल फेल हुए हैं, वे सरकारी सप्लाई में आई है, जो दवाएं सबस्टैंडर्ड निकली है, उसमें ये सभी जीवनरक्षक दवाएं शामिल हैं। इसमें मंडी में मिली घटिया दवा में से एक दवा का नाम टेलमिजा़रटेन है और दूसरी दवा लिवोसिट्रज़िन है। ये दोनों दवाएं मंडी के सरकारी अस्पतालों में मिली हैं, जिसमें टेलमिज़ारटेन की एक्सपायरी डेट मई 2021 है, वहीं लिवोसिट्रज़िन दवा की एक्सपायर्ड डेट नवंबर, 2020 की है। टेलमिज़ारटेन की दवा की शिकायत में यह सामने आया था कि जब इसे खोला गया, तो यह पाउडर बनी थी। वहीं, दूसरी लिवोसिट्रज़िन मेडिसिन भी शामिल है, जिसे भी खोलने में दवा गोली में नहीं, बल्कि पाउडर में मिली। चौंकाने वाले तथ्य यहीं तक सीमित नहीं हैं, क्योंकि कुल्लू के सरकारी सप्लाई में भी घटिया दवा का खुलासा हुआ था, जिसमें गैस्ट्रिक की दवा रेनाटिडीन में दवा की कई स्ट्रिप्स तो खाली थी, लेकिन जब एक को खोला गया, दवा मेल्ट ही हुई पाई गई।

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Courtsey: Divya Himachal

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