Wednesday, September 4, 2019

धर्मशाला में खिलता ‘कमल’, पच्छाद में ‘हाथ’ को साथ

धर्मशाला में किशन कपूर जीते पांच बार पच्छाद में नहीं टूटा मुसाफिर का रिकार्ड

शिमला – धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है, जिसके लिए तिथि कभी भी घोषित हो सकती है। भले ही प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकारें हो, लेकिन पुराने इतिहास पर गौर करना भी जरूरी है। धर्मशाला विधानसभा सीट पर 12 में से छह चुनाव भाजपा, पांच बार कांग्रेस और एक बार जनता पार्टी को जीत मिली। इसी तरह से पच्छाद विधानसभा सीट पर 13 बार चुनाव हुए, जिसमें से नौ बार कांग्रेस, दो बार भाजपा, एक बार जनता पार्टी और एक ही बार निर्दलीय को जीत मिली थी। धर्मशाला में भाजपा की ओर से सबसे लंबा सफर सांसद किशन कपूर ने तय किया है। धर्मशाला सीट पर किशन कपूर पांच बार चुनाव जीते, जो अपने आप में इतिहास है। वह पहली बार 1990 में चुनाव जीते, उसके बाद लगातार 1998 तक चुनाव जीतते रहे। उसके बाद उन्होंने 2007 और 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की। इस सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए और यहां कांग्रेस ने खाता खोला था। पहले चुनाव में कांग्रेस के आरके चंद्र और दूसरे चुनाव में भी कांग्रेस के चंद्र वेरकर को जीत मिली थी। तीसरे चुनाव में कांग्रेस लडखड़ाई और यहां पर पहली बार जनता पार्टी के प्रत्याशी बृज लाल को जीत मिली। 1982 के चुनाव में बृज लाल को भाजपा से टिकट मिला और जीते भी। वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस के मूलराज ने यहां जीत दर्ज की थी। उसके बाद लगातार तीन चुनावों में भाजपा के किशन कपूर जीते। वर्ष 2003 के चुनाव में कांग्रेस की चंद्रेश कुमार जीतीं। फिर 2007 के चुनाव में भाजपा से किशन कपूर ने कांग्रेस को पराजित किया था। वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस के सुधीर शर्मा ने भाजपा को पराजित किया था। फिर कपूर 2017 के चुनाव में ले लिया और कपूर धर्मशाला से पांचवी बार विधायक बन कर रिकार्ड बनाया। इसके बाद कपूर लोकसभा चुनाव जीत गए और संसद चले गए।

डा. परमार ने पच्छाद से खोला था खाता

पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र में पहली बार प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा. वाईएस परमार ने खाता खोला था। वर्ष 1951 के चुनाव में डा. परमार यहीं से ही चुनाव जीत कर आए। उसके बाद 1967 में कांग्रेस के ही जीवनू, 1972 में कांग्रेस के जालिम सिंह, 1977 में जनता पार्टी के श्रीराम जखमी ने चुनाव जीता। वर्ष 1982 के चुनाव में गंगूराम मुसाफिर ने निर्दलीय चुनाव जीते। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के सुरेश कश्यप ने मुसाफिर को छह हजार 427 मतों से पराजित किया।

कांग्रेस कागढ़ सुरेश कश्यप ने किया ध्वस्त

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। इसे भाजपा के सुरेश कश्यप ने ध्वस्त किया था। यहां पर भाजपा ने पहली बार 2012 के चुनाव में खाता खोला और 2017 के चुनाव में भी सुरेश कश्यप जीत कर आए। वर्ष 2012 से पहले इस सीट पर लगातार सात बार विधायक रहे गंगूराम मुसाफिर ने रिकार्ड ही बना लिया। वह पहली बार वर्ष 1982 के चुनाव में निर्दलीय जीते, उसके बाद 2007 के चुनाव तक लगातार गंगूराम मुसाफिर ने कांग्रेस टिकट पर जीत दर्ज की।

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Courtsey: Divya Himachal
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