रामपुर बुशहर — मौसम के बदले मिजाज से निचले क्षेत्र में सेब की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अगर दो-तीन दिनों में मौसम ऐसे ही तेवर दिखाता रहा तो निश्चित तौर से निचले क्षेत्र में सेब की फसल चौपट हो सकती है। मौसम के बदलते तेवर ने इन दिनों बागबानों की नींद उड़ाई हुई है। गौरतलब है कि आजकल सेब बाहुल के निचले क्षेत्रों में सेब की फ्लावरिंग और पिंक स्टेज शबाब पर है। ऐसे में फ्लावरिंग के समय मौसम का अनुकूल रहना जरूरी होता है। बागबानी विशेषज्ञों की मानें तो फ्लावरिंग के समय तापमान सामान्य रहना चाहिए, तभी फसल की पैदावार अच्छी हो सकती है, लेकिन मौसम के करवट लेने से ठंड काफी बढ़ गई है। ऐसे में फ्लावरिंग पर विपरित असर पड़ना स्वभाविक है। अब पारा लुढ़कने से मधुमख्यों की परागण क्रिया सही ढंग से नहीं हो पाएगी। परागण क्रिया को बेहतर फसल के लिए काफी अहम माना जाता है। मौसम के बदले मिजाज से ठंड बढ़ गई है। इसके चलते सेब के बागीचोें में मधुमक्खियां दिखाई नहीं दे रही हैं। मौसम अनुकूल होने पर ही मधुमक्खियां फ्लावरिंग पर परागण क्रिया कर पाती हैं। बताते चलें कि रामपुर खंड की भड़ावली पंचायत के करेरी, मसारना, कमलाऊ, छलावट और खंड के विभिन्न सेब बाहुल के निचले क्षेत्रों में सेब की फ्लावरिंग और पिंक स्टेज शबाब पर है, लेकिन बागबान मौसम के बदले मिजाज से खासे चिंतित हैं। प्रगतिशील बागबान राधाकृष्ण, दिनेश, साजन, विजय, रणजीत, देविंद्र, तिलक चौहान और प्रेमराज कायथ सहित अन्य बागबानों का कहना है कि अगर मौसम का सिलसिला यूं ही जारी रहा और ओलावृष्टि हुई तो इस बार सेब की फसल चौपट हो सकती है। वहीं मौसम के करवट लेने से ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है। बारिश होने से उक्त क्षेत्रों के बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं। अगर यूं ही बारिश का सिलसिला चलता रहा तो निश्चित तौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की अच्छी फसल होने की संभावना है।
source: DivyaHimachal
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