
रामपुर > रोहड़ू > ठियोग > किन्नौर > कोटखाई >कुमारसैन राजेश : मेरी प|ी साड़ियों की बहुत फरमाइश करती है। परसों भी उसने साड़ियों की फरमाइश की थी। आज फिर कर रही है। कमलेश : इतनी साड़ियों का वो क्या करती हे ? राजेश : पता नहीं, मैंने कभी साड़ी लाकर तो दी नहीं। उसी व्यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है जो सहायता करने की भावना रखता है - अब्राहम लिंकन
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source: Dainik Bhaskar
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