
गेयटीथिएटर, शिमला के काॅन्फ्रेंस हाॅल में हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय लाल चंद प्रार्थी जयंती पर समारोह हुआ। इस दौरान अकादमी के उपाध्यक्ष प्रेम शर्मा ने कहा कि लाल चंद प्रार्थी और डाॅ. परमार के पहाड़ी भाषा और साहित्य के उत्थान के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में पहाड़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पूर्व अतिरिक्त निदेशक, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश एवं सचिव अकादमी प्रभा राजीव ने अपने वक्तव्य में कहा कि अकादमी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की कला, संस्कृति, भाषा और साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है। लेखक गोष्ठी के प्रथम सत्र में दो शोध पत्र पढ़े गए। डाॅ. विद्याचंद ठाकुर ने ‘पहाड़ी (हिमाचली) संस्कृति के संरक्षक: लाल चंद प्रार्थी‘ विषय पर शोध पत्र पेश किया। इस दौरान डाॅ. प्रत्यूष गुलेरी ने कहा कि डाॅ. परमार और लाल चंद प्रार्थी संस्कृति के सम्वाहक और संरक्षक थे। इस दौरान कमल हमीरपुरी, विद्यानंद सरैक ने भी विचार रखे। दूसरा पत्र ‘हिमाचल में नवसंवत्सर...
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source: Dainik Bhaskar
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