पतलीकूहल — घाटी में जिस रफ्तार से दिनों दिन लावारिस पशुओं की तादाद बढ़ रही है, उससे वे किसानों व बागबानों की मेहनत को चट कर रहे हैं। साथ ही ये पशु वाहनों की चपेट में आकर जब अधमरे होते हैं और कुत्तों का निवाला बन रहे हैं। कुल्लू फलोत्पादक मंडल कटराईं के प्रधान प्रेम शर्मा ने बताया कि फलोत्पादक क्षेत्र में चार गऊशालाओं को चलाने के लिए वर्ष 31 मार्च, 2013 तक 11 लाख 25 हजार से अधिक राशि की आर्थिक सहायता दे चुका है। उन्होंने कहा कि लावारिस पशुओं की समस्या को सुलझाने के लिए कुल्लू फलोत्पादक मंडल पूर्ण रूप से गंभीर है। इस समस्या के एवज में मंडल का प्रतिनिधिमंडल कई बार स्थानीय विधायक तथा पूर्व मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं, परंतु अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है। श्री शर्मा ने कहा कि लावारिस छोड़े गए पशुआें का समाधान सरकार के प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा है, ताकि लावारिस पशुओं की विकट होती समस्या पर अंकुश लग सके।
source: DivyaHimachal
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